Monika garg

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निर्भया ही नहीं हूं मैं..बस

आज हर जगह निर्भया ही निर्भया का जिक्र हो रहा है।क्या आप ने कभी सोचा।केवल शारीरिक शोषण ही शोषण नही होता ।मानसिक शोषण भी एक प्रकार का बलत्कार ही है
बस कोई घटना प्रकाश मे आ जाती है तो चारों तरफ त्राहि त्राहि होने लगती है।सडकों पर कैंडल मार्च होने लगते है।हमारे कवियों और लेखकों की ओजपूर्ण कविताएँ और लेख ,कहानी प्रकाशित होने लगते है।उनका क्या जो नजरों से बलत्कार सहन करती है।तीन घटनाएं मेरे ज़ेहन मे है जो नजरों से होने वाले बलत्कार को दर्शाती है ।
1....घर मे चहल-पहल है शादी है घर मे।कली ने खूब दौड़ दौड कर काम किया ।बस अब विदाई होने वाली है।कली काफी समय से देख रही है फूफा जी की नजरें उसका पीछा कर रही है।जो उन्हे बेटा बेटा कहते नही थकते थे आज अजीब सी नजरों से देख रहे है।कली बिल्कुल थक चुकी है।बहन की विदाई हो चुकी है।कली के पैर लड़खड़ाने लगें है ।बस अब कही जगह मिल जाए और वो पसर जाए।माँ आवाज़ लगा रही है कली को पर छोटी सी कली थकान से बेहाल है।जगह मिलते ही कली सो जाती है ऊपर के कमरे मे उस कमरे मे बहुत से रिश्तेदार सो रहे है।कली को बेहोशी वाली नींद आती है।जब सोई थी तो खाली पलंग पर सोई थी और जब उठी तो वही फूफा जी उसके पलंग पर सो रहे है। कली के मन मे ये विचार आता है कि उसे तो कुछ याद नहीं कभी फूफा जी ने कुछ ........
2....  कली की शादी हो चुकी है।एक बेटे की माँ है बेटा छह महीने का है।एक बार जेठ जी के यहाँ जाना होता है।पति अपने भाई से बातों मे मस्त है।जेठानी मायके गयी हुई है।एक कमरे का घर है।अचानक बेटा दूध के लिए मचलता है। कली को ना चाहते हुए भी पीठ मोड़ कर बेटे की दूध पिलाना  पडता है।कली सामने शीशे मे देख रही है ।जेठ जी की आँखे उसकी पीठ पर गड़ी  हुई है।बस इस ताक मे है कब पल्ला ढलके  कब कुछ दिखे।.........
3.........कली अब पैंतालीस साल की है।एक दिन अपने स्नानघर मे नहा रही है।स्नानघर की छोटी विंडो ऊपर वाले फ्लैट वालों की सीढियों मे लगती है।जिसमें एगजोसट फैन लगा है।कली अपनी मस्ती मे नहा रही है ।नहा कर जैसे ही टावल उठाती है।उसे अपने शरीर पर ऐसा लगता है जैसे किसी की नजरें उसके शरीर पर गडी हुई है।जब वह हडबडा कर देखती है तो पाती है उस विंडो से कोई झांक रहा है।कली जोर से चिल्लाती है।,"कौन है वहाँ पर?"इतने मे वह शख्स भाग जाता है।कली आज मानसिक रूप से अपने आप को बलत्कार का शिकार  महसूस कर रही है।.........

है कोई जवाब आप बुद्धि जीवियो के पास।हर नारी को इन परिस्थितियों से दो चार होना पड़ता है।जब वे मानसिक बलत्कार का शिकार होती है।बस लोगो की नजर मे निर्भया ही नही बन पाती।.......


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2 Comments

Seema Priyadarshini sahay

16-Nov-2021 09:57 PM

बहुत अच्छा

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Monika garg

16-Nov-2021 10:06 PM

धन्यवाद

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